सीतापुर, दिसम्बर 16 -- अपनी सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक प्रतिभा के लिए पहचाना जाने वाला सीतापुर जिला आज नृत्य कलाकारों के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं, लेकिन सरकारी उदासीनता और प्रदर्शन के लिए उचित मंचों के अभाव ने नृत्य कलाकारों को धीरे-धीरे स्कूलों की चाहरदीवारी तक सीमित कर दिया है। जिले में नृत्य कला से जुड़े कलाकारों की तमाम दिक्कतों को लेकर हिंदुस्तान अखबार ने अपनी बोले सीतापुर मुहिम के तहत समाचार प्रकाशित कर उजागर किया था। बावजूद इसके आज भी जिले के नृत्य कला से जुड़े कलाकार अपनी कला को आगे बढ़ाने और उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि शहर में आज भी कुछ संस्थाएं पारम्परिक नृत्य कला को जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उनकी कोशिशों के बाद भी यह कला अपने अस्तित्व के ...