बहराइच, सितम्बर 19 -- बेहतरीन कॅरियर का सपना देखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसान नहीं है, खासकर छोटे जिलों में। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए जिले में अच्छी सुविधाएं न होने से गरीब तबके के लोग न तो बाहर जाकर तैयारी कर पा रहे हैं और न ही प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने जा पा रहे हैं। निजी संस्थानों में भारी भरकम फीस वसूलने वाले ये संस्थान सिर्फ कमाई का जरिया बने हुए हैं। आकांक्षात्मक जिला बहराइच में पांच सरकारी कोचिंग अभ्युदय सेंटर चल रहे हैं, लेकिन सभी की उम्मीदें वहां पूरी नहीं हो पातीं। संसाधनों के अभाव के कारण छात्रों की संख्या बहुत कम है। कुछ सेंटरों पर मानक के अनुसार छात्र संख्या कम है। छात्र-छात्राओं की इच्छा है कि निजी कोचिंग सेंटरों की तरह अभ्युदय में सुविधाएं बढ़ें। डिजिटल लाइब...