सीतापुर, अक्टूबर 27 -- समाज में नशा एक ऐसी बुराई बन चुका है जो हर तबके के लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। तमाम प्रयासों और सरकारी अभियानों के बावजूद युवा पीढ़ी पर नशे का शिकंजा दिन-ब-दिन कसता जा रहा है। कभी मौज-मस्ती और दोस्तों की देखा-देखी में शुरू हुआ नशा अब इतनी गहराई तक पैठ बना चुका है कि कई परिवारों का अस्तित्व तक खतरे में पड़ गया है। जिले में नशे की वजह से न सिर्फ अपराधों में इजाफा हो रहा है, बल्कि पारिवारिक ढांचा भी पूरी तरह से चरमरा गया है। मौजूदा हालात पर गौर करें तो आज गांव की गलियों तक शराब की दुकानों का विस्तार हो चुका है, वहीं शहर ही नहीं स्मैक, चरस, गांजा और भांग से लेकर अन्य कई तरह के नशीले पदार्थ गांवों तक अपनी मजबूत पहुंच बना चुके हैं। इससे पारिवारिक ही नहीं सामाजिक ढांचा तक बिखराव की कगार पर पहुंच चुका है। हालां...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.