सहारनपुर, जून 6 -- डॉ भीमराव आंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में फुटबॉल के लिए कोई स्थायी या सुरक्षित गोल पोस्ट तक नहीं लगे हैं। न ही प्रशिक्षण के लिए जाल की व्यवस्था है, जिससे खिलाड़ियों को गोल प्रैक्टिस में दिक्कत होती है। साथ ही सरकारी कोच तक नहीं है। कोच न केवल तकनीक सिखाता है, बल्कि खिलाड़ी के आत्मविश्वास और अनुशासन की नींव भी रखता है। करीब 50 खिलाड़ी फुटबॉल में पंजीकृत हैं। लेकिन इन खिलाड़ियों को सुविधाओं का काफी आभाव है। हिन्दुस्तान बोले सहारनपुर टीम ने फुटबॉल की प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों से संवाद किया तो पता चला कि फुटबॉल के लिए कोई सुरक्षित गोल पोस्ट तक नहीं है। फुटबॉल के किसी भी स्तर पर सफलता के लिए कोच की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। डॉ भीमराव आंबेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में यह सबसे बड़ी कमी है-कोई सरकारी फुटबॉल कोच ही मौजूद नह...