सहारनपुर, जून 16 -- समूह सखियां स्वयं सहायता समूहों की रीढ़ मानी जाती हैं। इनका कार्यक्षेत्र गांवों तक सीमित है, लेकिन इनकी जिम्मेदारी अत्यंत व्यापक हैं। समूह सखियों के सामने अनेक समस्याएं है जिसमें वेतन का कम होना, समय पर वेतन न मिलना, वेतन बढ़ाए जाने, समय पर वेतन मिलने, अतिरिक्त कार्यों का कोई अलग से भुगतान नहीं होना बड़ी समस्या है। ग्रामीण भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में महिला सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में कार्यरत 1173 समूह सखियां इसी दिशा में सक्रियता से काम कर रही हैं। ये सखियां ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को संगठित करती हैं, योजनाओं की निगरानी करती हैं और सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहयोग देती हैं। इनके जिम्मे लोकॉस एप पर डाटा अपलोड करना, सीसीएल (कम्युनिटी कैडर लिस्ट...