सहारनपुर, जून 9 -- सहारनपुर के दिल में बसा कसेरान (बर्तन) बाजार एक ऐतिहासिक पहचान रखता है। पूरे बाजार की गलियों में बिजली के तारों का भारी जंजाल फैला हुआ है। कहीं-कहीं तो तार इतने नीचे लटकते हैं। बाजार की गलियां संकरी हैं और वहां नियमित सफाई नहीं होती। कूड़े का ढेर जगह-जगह जमा रहता है, जिससे बदबू और मच्छरों की समस्या बनी रहती है। कसेरान(बर्तन) बाजार वर्ष 1825 में स्थापित हुआ था और तब से यह सहारनपुर की व्यापारिक गतिविधियों का अहम केंद्र रहा है। करीब 200 वर्षों का इतिहास समेटे यह बाजार आज भी अपनी विरासत को सहेजे हुए है। यहां लगभग 60 दुकानों का संचालन होता है, जिनमें हलवाई और बर्तन और अन्य जरूरत की सामग्री की दुकानें शामिल हैं। यह बाजार पुराने शहर की आत्मा कहा जा सकता है, जहां आज भी परंपराओं की गूंज और ग्राहकों की चहल-पहल नजर आती है। सबसे प्...