सहारनपुर, मई 12 -- निजी विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के सपनों को संवार रहे हैं। निजी विद्यालयों की मांग है कि व्यावसायिक विद्युत कनेक्शन को समाप्त कर सामान्य घरेलू श्रेणी में रखा जाए। नगर निगम द्वारा विद्यालयों पर लगाए जाने वाले हाउस टैक्स और कमर्शियल वॉटर टैक्स को समाप्त किया जाए। आरटीई के अंतर्गत प्रतिपूर्ति 11 माह की बजाय पूरे 12 माह तक प्रदान की जाए। साथ ही विद्यालय प्रबंधन और कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। निजी विद्यालय इन दिनों अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, मान्यता प्रक्रिया की जटिलताएं, आर्थिक शोषण और प्रशासनिक उदासीनता के चलते स्कूलों पर भारी दबाव है। नगर और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित 5000 हजार से अधिक निजी विद्यालय वर्षों से गुणवत्तापूर्ण ...