सहारनपुर, सितम्बर 6 -- यमुना नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे सामान्य हो चुका है और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की मात्रा घटकर 45 हजार क्यूसेक पर आ गई है, लेकिन यमुना और बरसाती नदियां पीछे बर्बादी का दंश छोड़ गई है। नदी की तेज धारा और जलभराव ने जिले में हजारों बीघा फसलों को तबाह कर दिया है। सरसावा, नकुड़ और गंगोह सहित अनेक क्षेत्रों में नदी किनारे की सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन कटकर यमुना में समा गई। अकेले सदर तहसील की ही बात करें तो सरकारी आंकड़े के अनुसार, यहां दर्जनों गावों में 300 से ज्यादा किसानों की 1500 बीघा से अधिक फसल नष्ट हो गई है, जबकि 30 बीघा से ज्यादा जमीन कटान हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, अकेले सदर तहसील में ही 300 से अधिक किसानों की लगभग 1500 बीघा फसलें जलभराव आदि से पूरी तरह नष्ट हो गईं हैं। ऐसा ही हाल अन्य तहसीलों में भी ह...