भागलपुर, फरवरी 18 -- जिले के हजारों फर्नीचर कारीगर संसाधन की कमी और बाजार की अनुपलब्धता के कारण पलायन को मजबूर है। दिन-रात कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। ना तो सरकारी स्तर पर संसाधन मुहैया कराये जा रहे हैं और ना ही बेहतर बाजार। इनकी परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान फर्नीचर कारीगरों ने अपना दर्द बयां किया। 25 हजार से अधिक लकड़ी फर्नीचर कारीगर हैं जिले के विभिन्न जगहों पर कार्यरत 15 से 25 किलोमीटर सफर कर प्रतिदिन शहर आते हैं रोजगार के लिए 12 हजार रुपये से कम हो जाती है कई महीने कमाई, घर चलाने में होती परेशानी श्तों से लकड़ी का सामान बनाकर लोगों की घरों का शोभा बढ़ाने वाले कारीगर समाज आज भी उपेक्षा के शिकार हैं। हालात यह है कि फर्नीचर कारीगर अब इस पेशे को छोड़ परदेस जाकर मजदूरी कर रह...