भागलपुर, मार्च 19 -- शहर में नृत्य, नाटक और संगीत से जुड़े कलाकारों को सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा सहयोग नहीं मिल रहा। कलाकारों को सही मंच नहीं मिलता तो मंजिल भी नहीं मिल रही है। मंच नहीं मिलने के कारण उनकी प्रतिभा लोगों के सामाने नहीं आ पाती। स्थानीय स्तर पर हो रहे कार्यक्रमों में तरजीह नहीं मिलती। कलाकारों का कहना है कि प्रेक्षा गृह में कार्यक्रम की सुविधा मिलनी चाहिए। बंद कला भवन को ठीक कर नृत्य, संगीत, नाट्य विधा के प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जाए तो जिले के कलाकारों को सहूलियत होगी। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान कलाकारों ने अपना दर्द बयां किया। 06 सौ से सात सौ लोग जुड़े हैं नृत्य एवं संगीत नाट्य कला से 05 से अधिक हैं संस्थान जहां सिखाई जाती नृत्य नाट्य कला 01 हजार रुपए से अधिक है नृत्य और संगीत सीखने की फीस नाट्य विधा, रंगकर्म, न...