भागलपुर, दिसम्बर 1 -- जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर बसे दिवारी गांव की तस्वीर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण भारत की सच्चाई बयान करती है। हजारों की आबादी वाले इस गांव में अधिकांश लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं, मगर सिंचाई से लेकर स्वास्थ्य और पेयजल तक हर मोर्चे पर समस्याओं का अंबार है। दिवारी में हालात ऐसे हैं कि किसानों को अपने ही खेतों की सिंचाई के लिए निजी साधनों पर पैसा खर्च करना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण वर्षों पहले लगाया गया स्टेट बोरिंग है, जो अब पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है। ग्रामीण बताते हैं कि सरकारी बोरिंग किसानों को बहुत राहत देने वाला था। पानी खेतों तक पहुंचने लगा था, जिससे उत्पादकता बढ़ी और किसानों को फायदा हुआ, लेकिन समय बीतने के साथ बोरिंग खराब हो गया, पाइपलाइन जगह-जगह फट गई और पूरा सिस्टम ध्वस्त ह...
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