भागलपुर, फरवरी 19 -- निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना मध्यम वर्ग के लिए मुश्किल होता जा रहा है। स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से स्कूल की फीस ली जाती है। उसके बाद किताब, कॉपी, ड्रेस के लिए हजारों की राशि वसूली जाती है। किताबें व ड्रेस स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से ही मिलते हैं। दुकान में मनमानी कीमत वसूली जाती है। निजी स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाने वाले अभिभावकों ने हिन्दुस्तान से अपना दर्द बयां किया। 02 सौ 84 से अधिक निजी स्कूल जिले के विभिन्न इलाकों में हैं प्रस्वीकृत, होती है पढ़ाई 05 से 07 हजार तक नए सत्र के दौरान स्कूल की किताब खरीदने में आता है खर्च 03 से चार हजार तक स्कूल ड्रेस व टाई के नाम पर स्कूलों द्वारा ली जा रही राशि अभिभावक न्निजी स्कूलों के मनमानी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि ना तो शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही...