भागलपुर, अगस्त 19 -- प्रस्तुति : गोपाल कृष्ण सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड की करीब दो लाख आबादी आज भी श्मशान घाट जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। 11 पंचायतों वाले इस प्रखंड में एक भी सरकारी मुक्तिधाम नहीं है। स्थिति यह है कि किसी की मृत्यु होने पर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए उपयुक्त जगह की तलाश में भटकना पड़ता है। कई बार खेतों, नदी-नहर किनारे या फिर निजी जमीन पर चिता सजाने की विवशता रहती है। लोगों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बावजूद हर बार केवल आश्वासन ही मिला। ग्रामीण मानते हैं कि यह केवल सुविधा का नहीं, बल्कि मृतकों को सम्मानजनक विदाई देने का अधिकार है। जबकि सरकार ने हर पंचायत में आधुनिक मुक्तिधाम बनाने की घोषणा की है, लेकिन सलखुआ के लोग अब भी इसके इंतजार में हैं। जिले का सलखुआ प्रखंड आज भी कई ...