भागलपुर, अप्रैल 10 -- जिले के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से सभी वर्ग की महिलाओं एवं युवतियों की कुशलता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कृत्रिम आभूषण बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण लेने के बाद ये आत्मनिर्भर बनने की और अग्रसर हैं। जिले में कृत्रिम आभूषणों का मांग भी बहुत है। लेकिन कृत्रिम आभूषण बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे सामान दूसरे राज्य से मांगने पड़ते हैं। यह खरीदने में बहुत महंगा पड़ जाता है। महिलाओं ने संवाद के दौरान कहा कि कृत्रिम आभूषण बनाने में उपयोग होने वाले सामग्री पर सरकार अनुदान दे। साथ ही स्वरोजगार के लिए नम ब्याज पर ऋण दे तो इस क्षेत्र में आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी। 05 सौ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं सहरसा में कृत्रिम आभूषण निर्माण से 03 से 5 सौ रुपए तक होती है प्रत्येक दिन आभूषण निर्माण से कमाई 05 सौ...