भागलपुर, अगस्त 9 -- प्रस्तुति : विजय झा किसान जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं। सिंचाई के लिए सरकारी संसाधनों की कमी, जर्जर नहरें, बंद पड़े स्टेट ट्यूबवेल और लचर बिजली व्यवस्था ने खेती को महंगा व कठिन बना दिया है। नहरों में पानी नहीं पहुंचने और बिजली संकट के कारण किसान कृषि फीडर को अलग कर बेहतर बनाने तथा मुफ्त बिजली की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कृषि विद्युत योजना जैसी पहल किसानों के लिए राहत बन सकती थी, लेकिन चोरी, लापरवाही और अव्यवस्था से यह विफल रही। यदि सरकार ठोस कदम उठाए और सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करे तो यह क्षेत्र फिर से हरियाली की राह पर लौट सकता है और किसानों की आर्थिक हालत में सुधार संभव है। क्षेत्र में वर्षों पहले स्थापित सरकारी ट्यूबवेल और नहरें अब या तो पूरी तरह निष्क्रिय हैं या फिर केवल कागजों पर च...
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