भागलपुर, सितम्बर 21 -- प्रस्तुति : विजय झा सहरसा शहर और ग्रामीण इलाकों में प्रतिबंध के बावजूद सिंगल यूज प्लास्टिक का बेधड़क इस्तेमाल जारी है। पॉलीथिन, डिस्पोजल कप और थर्मोकोल प्लेट नालों को जाम कर रहे हैं, जिससे जल निकासी बाधित हो रही है और खेतों की उर्वरक शक्ति भी घट रही है। खेतों व सड़कों पर फैली प्लास्टिक मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। भोजन के साथ इसे निगलने से हर साल दर्जनों गायों की मौत हो जाती है। थर्मोकोल प्लेट पर गर्म भोजन करना भी स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है क्योंकि गर्मी में प्लेट से निकलने वाले रसायन भोजन में घुलकर कैंसर, लीवर व पेट की बीमारियां पैदा कर रहे हैं। प्रशासनिक कार्रवाई छापेमारी तक ही सीमित है और कुछ दिनों बाद हालात जस के तस हो जाते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू हुए वर्षों गुजर गए, लेकिन हकीक...