भागलपुर, मार्च 18 -- फूहड़ संगीत के चौतरफा शोर ने शास्त्रीय संगीत की मीठी आवाज दबा दी है। इसका मुख्य कारण शास्त्रीय संगीतकारों को आर्थिक सहयोग नहीं मिलता। संगीत शिक्षा की उपेक्षा, सरकारी मंचों की कमी है। शास्त्रीय संगीत कलाकारों ने बताया सरकार को छात्रवृत्ति, वाद्य यंत्रों की खरीद पर अनुदान देना चाहिए। इसके साथ ही फूहड़ संगीत पर पूर्ण रूपेण रोक लगनी चाहिए। सरकार और प्रशासन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण को आगे आए। अन्यथा हमारी सांस्कृतिक विरासत लुप्त हो जाएगी। कलाकारों ने हिन्दुस्तान संवाद के दौरान अपनी परेशानी बताई। 05 सौ से अधिक छात्र-छात्राएं शास्त्रीय संगीत में हैं अध्ययनरत 01 हजार से 15 सौ रुपये तक निजी संस्थान में खर्च आता है सीखने में 01 सौ 39 हाईस्कूलों में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दिए जाने की मांग संगीत हमारी संस्कृति की आत्मा है। यह ...