भागलपुर, अगस्त 17 -- प्रस्तुति : श्रुतिकांत शहर में आवारा कुत्तों का आतंक तेजी से बढ़ता जा रहा है। मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक झुंड में घूमते कुत्तों ने लोगों का निकलना मुश्किल कर दिया है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हर दिन हमले के डर में जी रहे हैं। अचानक हमलों की घटनाएं आम हो चुकी हैं और कई लोग घायल हो चुके हैं। नगर निगम से लगातार शिकायतों के बावजूद न तो नसबंदी अभियान चला और न ही कुत्ते पकड़ने की ठोस व्यवस्था की गई। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा सदर अस्पताल के आंकड़ों से लगाया जा सकता है- जनवरी से जून के बीच यहां 4,176 लोग कुत्तों के काटने के शिकार हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ एक अस्पताल का आंकड़ा है, जबकि निजी और ग्रामीण क्षेत्रों में संख्या कहीं अधिक है। सहरसा शहर और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नही...