भागलपुर, अगस्त 29 -- मखाना उत्पादक किसानों की परेशानी 08 सौ से अधिक एकड़ में होती मखाना की खेती 04 से 05 घंटे पानी में खड़े होकर मखाना बीज (गुड़िया) तोड़ते हैं किसान 06 से 07 क्विंटल गुड़िया निकलती है एक एकड़ से प्रस्तु़ति : कुमार राजेश गुप्ता सहरसा जिले का सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड सदियों से अपनी खास पहचान बनाए हुए है। यहां की दोमट और जलभराव वाली मिट्टी मखाना की खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है। यही कारण है कि यह इलाका मखाना के लिए मशहूर है, जिसे आजकल सफेद सोना कहा जाता है। इसका स्वाद और पौष्टिकता न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक अपनी विशेष पहचान रखता है। भारत के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत बिहार में होता है, जिसमें सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र का योगदान उल्लेखनीय है। यहां करीब 800 एकड़ में मखाना की खेती होती है। मखाना कोई साधा...