शाहजहांपुर, मार्च 13 -- रेलवे की यात्रा आज के दौर में सभी की जरूरत बन चुकी है। रेलवे की सुगम यात्रा कराने के लिए जिन कर्मचारियों को लगाया गया है, वह किसी कम समस्या से नहीं गुजर रहे हैं। सभी को सुरक्षित यात्रा करने वाले रेलवे कर्मियों की अहम भूमिका होती है, लेकिन उन्हीं कर्मियों की जीवन यात्रा कई मामलों में अधूरी है। रहने वाली कालोनी से लेकर रेलवे स्टेशन तक उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना उनकी आदत में आ गया है। दिन रात मेहनत करने के बाद भी रेस्ट करने के नाम पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे कई कर्मचारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। एक मार्च 1873 में पहली बार शाहजहांपुर में ट्रेन आई थी। पहली बार शाहजहांपुर जो ट्रेन आई थी, वह थी लखनऊ-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन। तब कोयले वाले इंजन और उसमें डिब्बे लगे होते थे। उस वक्त लखनऊ से हरदोई ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.