लखीमपुरखीरी, मार्च 5 -- खीरी जिले में लकड़ी का काम करने वाले कारीगरों के सामने रोजगार खत्म होने का संकट खड़ा हो गया है। उनके काम का दायरा सिमट रहा है। लकड़ी पर अपना हुनर दिखाने वाले इन कारीगरों की कभी खास पहचान थी। शादी-ब्याह के मौके पर महीनों पहले ही कारीगरों को बुलाया जाता। वे घर में रहकर फर्नीचर तैयार करते और सम्मानजनक मेहनताना पाते थे। लेकिन अब मशीनों से बने रेडीमेड फर्नीचर, प्लास्टिक और चाइनीज उत्पादों ने हाथ के हुनर की कद्र कम कर दी है। फर्नीचर कारीगर जो कभी अपने काम में निपुण माने जाते थे, आज बेरोजगारी की कगार पर हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान ने लकड़ी कारीगरों की समस्याओं को जाना। खीरी जिले में लगभग दस हजार के करीब लकड़ी कारीगर हैं। लखीमपुर के फर्नीचर बाजार से लेकर पूरे जिले में उनका नेटवर्क फैला है। कई कारीगर दो-तीन पीढ़ियों से यह क...