लखनऊ, नवम्बर 2 -- डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के गेट से लेकर सनराइज अपार्टमेंट होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर को जोड़ने वाली 18 मीटर चौड़ी सड़क अब मौत का फंदा बन चुकी है। सड़क लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के जिम्मे है, लेकिन हालत देखकर कोई यकीन नहीं करेगा कि यह राजधानी की मुख्य सड़क है। सड़क का नाम नहीं, गड्ढों की पहचान है। गड्ढों में धंसी यह सड़क आए दिन लोगों को जख्मी कर रही है। मानसरोवर सेक्टर पी की यह सड़क कई साल पहले ही लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर हो चुकी है, लेकिन इंजीनियरों की आंखों पर जैसे पट्टी बंधी है। न पैचवर्क, न निरीक्षण। परिणाम यह है कि इस डेढ़ किलोमीटर सड़क पर कदम रखते ही लोगों को लगता है कि वे किसी दुर्गम रास्ते से गुजर रहे हैं। बोले लखनऊ मुहिम के तहत हिन्दुस्तान टीम में मौका का हाल देखा तो सड़क के हाल डरावने मिले। लोग घ...