रुद्रपुर, मार्च 8 -- प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों को साल में चार-छह महीने का ही रोजगार मिल पाता है। बाकी महीने इन्हें घर में बेरोजगार बैठना पड़ता है। पीआरडी जवानों का कहना है कि नियमित रोजगार नहीं मिलने से घर खर्च चलाने में काफी परेशानियां होती हैं। वह साल में कम से कम दस महीने का रोजगार चाहते हैं। साथ ही उनकी मानदेय बढ़ाने की मांग है। उनका कहना है कि होमगार्ड और उनका कार्य एक समान है, लेकिन मानदेय में काफी असमानता है। बीते साल राज्य सरकार ने उन्हें धुलाई भत्ता देने की बात कही थी, जोकि उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है। वह अपने मानदेय से अंशदान कटौती के पक्ष में भी नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार को उनका जीवन बीमा करना चाहिए। पीआरडी जवान जिला युवा कल्याण विभाग के तहत कार्य करते हैं। जिले में वर्तमान में करीब 1138 पीआरडी जवान कार्यरत हैं।...