रुद्रपुर, मार्च 27 -- जागरूकता के कारण लोग आयुर्वेद की ओर आ रहे हैं, लेकिन जिस जिला आयुर्वेदिक अस्पताल पर मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी है, वह खुद ही बीमार है। अस्पताल का भवन दशकों पुराना होने के कारण जर्जर हो गया है। कई बार मरम्मत कराने के बाद भी भवन की हालत जस की तस है। अस्पताल की लगभग प्रत्येक कमरे की छत से प्लास्टर गिर रहा है। दीवारें काफी कमजोर हो चुकी हैं। बरसात में यहां दीवारों पर सीलन और छत से पानी टपकने की शिकायत आम है। भवन की जीर्ण-शीर्ण स्थिति देखकर कई मरीज यहां इलाज कराने से कतराते हैं। उनका कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों को पहले अस्पताल के भवन का इलाज करना चाहिए। इंद्रा चौक से महज 150 मीटर की दूरी पर जिला आयुर्वेदिक अस्पताल है, लेकिन यहां पहुचने के लिए मरीजों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। अस्पताल को जाने वाली करीब 100 मीट...