रायबरेली, फरवरी 23 -- रायबरेली,संवाददाता। जिले में स्थित रेस्टोरेंट, ढाबों, दुकानों आदि जगहों पर छोटे -छोटे बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए अक्सर देखा जाता है। नाबालिग से काम कराना अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन सब कुछ देखकर भी यह अपराध जारी है। दुकानदार, होटल, कारखाना व अन्य फर्म संचालकों से लेकर दुकानदार कम पैसों में मासूम बच्चों से बालश्रम कराते हैं। कहीं मासूमों के अभिभावकों की मजबूरी के चलते वह मजदूरी करने को मजबूर हैं। खेलने-कूदने व पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चों को बालश्रम में पिसते देखा जा सकता है। बावजूद इसके इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है। सरकार द्वारा बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं, लेकिन उन पर प्रभावी अमल नहीं हो पाता है। इसको लेकर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बाल श्रम रोकने के लिए काम कर...
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