रायबरेली, सितम्बर 29 -- लालटेन से शुरू हुई रामलीला एलईडी तक पहुंच गई। परिवर्तन के इस दौर में परम्परा को निभाने वाले परिवार शरदीय नवरात्रि में रामलीला के मंचन की तैयारी एक माह पूर्व से शुरू करते हैं। शहर से लेकर गांव तक कई ऐसे स्थान है जहां पर बिना किसी सरकारी सहायता के रामलीला का मंचन करते हैं। इनमें शामिल कई ऐसे परिवार है जो कई पीढियों से रामलीला का मंचन करते आ रहे हैं। शहर में चल रही श्री रामलीला कमेटी सुरजूपुर सैकड़ों वर्ष पुरानी है। लाटेन से शुरू हुईर रामलीला के कलाकारों ने कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन श्री राम जी के आराधना में कोई चूक नहीं की। रायबरेली, संवाददाता। समय बदला और किरदार बदले लेकिन आज भी शहर से लेकर गांव तक रामलीला का मचंन बदस्तुर जारी है। बिना सरकारी मदद के कई पीढियों से रामलीला का मंचन कर रहे कलाकार लालटेन से एलईडी के युग में...