रायबरेली, फरवरी 24 -- भारी वाहनों से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलने के बाद भी ट्रांसपोर्टरों को सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। जिले में उनके पास न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही अन्य बड़े शहरों की तरह ट्रांसपोर्ट नगर की। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की बिना सहमति और जानकारी दिए जब चाहा तब टैक्स की बढ़ा दिया जाता है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि परिवहन विभाग की ओर से वाहनों की फिटनेस, रि-रजिस्ट्रेशनप, परमिट जारी करने, हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने आदि के नाम पर परेशान किया जाता है। इनसे ट्रांसपोर्टरों पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। तमाम तरह के टैक्स उनके व्यापार में बाधा बन रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए तो उन्हें काफी सहूलियत मिले और वह व्यापार भी ठीक ढंग से कर सकें। रायबरेली...