रामपुर, फरवरी 24 -- सरकारी प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को पौष्टिक भोजन परोसने वाली रसोइयां खुद अपने परिवारों को नहीं पाल पा रही हैं। इस समय वे आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं। उनकी शिकायत है कि सरकारी स्कूलों में भोजन पकाने के एवज में उन्हें 2000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता है। इस मानदेय का भुगतान भी उन्हें समय से नहीं किया जाता है, जबकि वे 6-7 घंटे काम करती हैं। उन्होंने अपना मानदेय बढ़ाने और इसका समय से भुगतान कराने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने हिन्दुस्तान के साथ अपनी पीड़ा बयां की है। जिलेभर के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने वाली रसोइयों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। सिर्फ 2000 रुपये प्रतिमाह मानदेय पर काम करने वाली ये रसोइयां अपने परिवारों को नहीं पाल पा रही हैं। इन्हें 100...