रामपुर, फरवरी 23 -- बाइक मैकेनिक कुछ वर्ष पहले तक सड़कों के किनारे लकड़ी के बॉक्स में टूल्स रखकर बाइकों की मरम्मत किया करते थे लेकिन, अब समय बदल गया है। जहां जिले में बढ़ती आबादी के कारण जगह कम पड़ रही है, वहीं अस्थायी दुकानों को प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ देता है। प्रशासन द्वारा कुछ लोगों को दुकानें दी जाती हैं, जिस कारण कुछ लोग या तो दूसरा काम देखते हैं या फिर दूसरे प्रदेशों में काम करने चले जाते हैं। वहीं मैकेनिक दिन में 400 से 500 रुपये कमाता है। इस कमाई से परिवार को पालने में दिक्कतें आ रही हैं। बाइक मैकेनिकों ने हिन्दुस्तान के साथ अपना दर्द बयां किया है। जिले में कई सौ बाइक मैकेनिक सड़क किनारे अस्थायी दुकान लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। परंतु अस्थायी दुकानों के सामने जगह न होने के कारण युवा मैकेनिक अपने शहर को छोड़कर दूस...
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