रामपुर, मार्च 18 -- हर सभ्यता की नींव मिट्टी पर रखी गई। यह मिट्टी ही थी जिसने हमें घर बनाने, चूल्हा जलाने और विकास का रास्ता दिखाया। उसी मिट्टी से अपनी कला और मेहनत के जरिये खूबसूरत रूपों का निर्माण करने वाले कुम्हार समाज ने हमारे समाज में अपनी अहम पहचान बनाई, लेकिन जो समाज कभी हमारी जिंदगी में रंग भरता आया, वह अब उपेक्षा, असमानता और संघर्ष के अंधकार में खोता जा रहा है। रामपुर में जब कुम्हार समाज ने अपनी पीड़ा बयां की, तो उनकी आवाज एक ही थी हम मिट्टी में रंग भरते हैं, लेकिन आज बिना किसी सरकारी मदद और समाज की समझ के हमारी जिंदगी बदरंग हो गई है। अपनी स्थिति को लेकर उन्होंने हिन्दुस्तान से पीड़ा बयां की तो उनका दर्द छलक आया। म्हार समाज का अविभाज्य संबंध मिट्टी से है, लेकिन समय के साथ इस समाज को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। आजकल मिट्टी के...