रामगढ़, मार्च 18 -- पतरातू, सलीम अंसारी। पीटीपीएस के स्थापना काल सें महज कुछ वर्षों बाद से ही पीटीपीएस से विस्थापित हुए अपने हक और अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि इस बीच आंदोलन का स्वरूप बदलता रहा है, लेकिन आंदोलनकारियों की मुख्य मांग नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास हो रहा है। भू-अर्जन विभाग की और से रैयतों की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के बाद तो विस्थापितों को ठेका मजदूर के रूप में रखा गया था। जो वर्ष 1977 में इन ठेका मजदूरों को स्थायी नौकरी दी गई। हालांकि इसके लिए लगातार इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय सचिव निरंजन लाल और सीपीआई के पुरन राम साव ने आवाज उठायी थी। दूसरी ओर विस्थापितों के नौकरी के लिए हरि राम, देवानंद और कुछ अन्य नेताओं की ओर से भी आवाज उठायी गई थी। किंत इस बहाली में 114 लोगों को नौकरी नहीं मिल पायी। इस आंदोलन ...