रामगढ़, नवम्बर 11 -- रामगढ़। न्याय किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होता है, और जब यह आम नागरिकों तक समय पर और सुलभ रूप में पहुंचता है, तभी व्यवस्था पर लोगों का विश्वास मजबूत होता है। झारखंड के रामगढ़ जिले में वर्ष 2015 में व्यवहार न्यायालय की स्थापना इसी विश्वास की नींव को और सुदृढ़ करने वाला कदम साबित हुई। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से अधिवक्ताओं ने कहा कि न्यायालय ने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से जिले को नई पहचान दी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी विकास की राह को सशक्त बनाया। रामगढ़ वर्ष 2007 में हजारीबाग जिले से अलग होकर स्वतंत्र जिला बना, लेकिन न्यायिक दृष्टि से यह हजारीबाग व्यवहार न्यायालय के अधीन ही था। इसका मतलब यह था कि जिले के किसी भी व्यक्ति को अगर किसी दीवानी या फौजदारी मामले में सुनवाई चाहिए होती, तो उसे हजारीबाग तक की यात्र...
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