कोडरमा, नवम्बर 25 -- रामगढ़। भारत आज जिस स्वतंत्र और लोकतांत्रिक माहौल का अनुभव करता है, उसकी जड़ें हमारे संविधान की उस ऐतिहासिक नींव में हैं, जिसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने अंगीकृत किया था। संविधान दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि लोकतंत्र के जन्म की वह घड़ी है जिसने शासन-व्यवस्था, अधिकारों और समानता की दिशा तय की। हिन्दुस्तान की बोले रामगढ़ टीम से बातचीत में महिला कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों ने कहा कि लोकतंत्र तभी सफल होता है, जब अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी निभाया जाए। हर वर्ष 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है, जब वर्ष 1949 में हमारी संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था। यह वही दस्तावेज़ है जिसने स्वतंत्र भारत की रूपरेखा तय की, नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यो...