रांची, फरवरी 20 -- रांची, वरीय संवाददाता। राज्य में ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) शिक्षा का स्तर सुधारने और बच्चों को कैसे गुणात्मक शिक्षा मिले, इसके लिए 2005-2006 से सेवा दे रहे हैं। लेकिन, अल्प मानदेय भुगतान होने और सभी तरह की सरकारी सुविधाओं से वंचित होने से इनका उत्साह अब पस्त होने लगा है। 20 साल से अधिक सेवा देने के बाद अब अपने बच्चों का भविष्य भी नहीं संवार पाने का दर्द इनके माथे की शिकन बन रहा है। शिक्षा विकास के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन की बड़ी जिम्मेदारी निभानेवाले बीआरपी-सीआरपी खुद का जीवन खराब कर लेने जैसे अनुभव कर रहे हैं। इतने साल बाद भी जब उनका मानदेय बढ़ा तब भी बीते आठ माह से इसके लिए वे तरस रहे हैं। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करनेवाले...