रांची, मई 20 -- रांची, संवाददाता। राजधानी रांची में हर साल करीब 50 हजार विद्यार्थी पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। इन विद्यार्थियों के लिए आवास की सबसे बड़ी व्यवस्था हॉस्टल के रूप में होती है। लेकिन, यह व्यवस्था आज खुद अव्यवस्था की शिकार है। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में हॉस्टल ऑनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, रांची में मात्र 367 हॉस्टल ही रजिस्टर्ड हैं। जबकि, वास्तविक में इनकी संख्या इससे कई गुना अधिक है। अनुमान है कि छह हजार से अधिक हॉस्टल बिना किसी वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं। रांची के हॉस्टल ऑनर्स एसोसिएशन ने हिन्दुस्तान अखबार के बोले रांची कार्यक्रम में वैध और अवैध हॉस्टल की स्थिति को लेकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि जो वैध हॉस्टल हैं, उन्हें भी रिन्यूअल और र...