रांची, सितम्बर 28 -- रांची, संवाददाता। रांची का 42 साल पुराना पंडरा बाजार राज्य का सबसे बड़ा थोक बाजार माना जाता है। यहां से रोजाना करीब 60 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। यह आज बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। हिन्दुस्तान के 'बोले रांची कार्यक्रम में शामिल हुए पंडरा बाजार के कारोबारियों ने अपनी परेशानियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस बाजार में पिछले दो दशक से न तो सड़क की और न ही भवन की मरम्मत हुई है। पानी की आपूर्ति, सफाई, सुरक्षा, स्ट्रीट लाइट, शौचालय और नाली जैसी मूलभूत समस्याओं ने व्यापारियों और कामगारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राजधानी रांची का पंडरा बाजार, जिसे राज्य की आर्थिक धड़कन भी कहा जाता है, आज बदहाली और उपेक्षा का प्रतीक बन चुका है। 1982 में स्थापित इस थोक मंडी से प्रतिदिन 60 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता...