रांची, सितम्बर 1 -- रांची, संवाददाता। हिन्दुस्तान ने पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच बोले रांची कार्यक्रम किया। उन्होंने अपनी समस्याएं रखीं। कहा कि झारखंड ने खेलों में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जन्म दिया है। बावजूद इसके, खेल जीवन के बाद इन खिलाड़ियों को रोजगार, आर्थिक सुरक्षा और सम्मान नहीं मिल पाता। झारखंड बनने के बाद राज्य सरकार द्वारा 44 खिलाड़ियों को ही रोजगार मिला। राज्य की खेल नीति में स्थानीय खिलाड़ियों को प्राथमिकता नहीं दी गई, जिससे वे मजबूरी में अन्य राज्यों या केंद्रीय संस्थाओं पर निर्भर रहते हैं। सरकारी विभाग और खेल संघों में खिलाड़ियों की उपेक्षा जारी है। खेल संघों में प्रशासनिक और राजनीति के लोग महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने कह...