रांची, जुलाई 3 -- रांची, संवाददाता। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा से जुड़े विभिन्न शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों ने हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में समस्याएं रखीं। उन्होंने कहा-सरकारी स्कूलों में बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन के लिए शिक्षा विभाग हमेशा जोर देता है, लेकिन शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्य का बोझ होने से यह संभव नहीं है। स्कूलों में संसाधनों का अभाव है। शिक्षकों की कमी है। प्रोन्नति, वेतनवृद्धि नहीं होने से मनोबल कमजोर होता है। कर्मचारियों की कमी से गैर शैक्षणिक कार्य करने पड़ते हैं। अचानक विभाग कई प्रकार की रिपोर्ट मांगी जाती है, जिससे पढ़ाई बाधित होती है। झारखंड प्रदेश शिक्षक संयुक्त मोर्चा में कुल पांच शिक्षक संघ शामिल हैं, जिनमें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश प्राथिमक शिक्षक...