रांची, अप्रैल 5 -- रांची, संवाददाता। अमेरिका की ओर से टैरिफ की घोषणा के बाद रांची जिले के आसपास के लाह (लाख) कारोबार पर पड़ने वाले असर पर शुक्रवार को हिन्दुस्तान का 'बोले रांची' कार्यक्रम हुआ। इसमें लाह व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बताई। व्यापारियों का कहना है कि यदि लाह पर टैरिफ बढ़ा तो निर्यात पर काफी असर पड़ेगा। इससे दो ही विकल्प बचेंगे- या तो लाह निर्यातकों को अमेरिका में ऊंचे दाम पर अपने उत्पाद बेचने होंगे या यहां के किसानों से सस्ती दर पर खरीद करनी होगी। रांची से 30 किलोमीटर दूर स्थित खूंटी की लगभग 60% आबादी लाह कारोबार से जुड़ी है। इनमें उत्पादक, छोटे-बड़े कारोबारी और नर्यिातक सभी शामिल हैं। देश में लाह (लाख) का सर्वाधिक उत्पादन झारखंड में होता है। नाबार्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश से कुल 16978 टन लाह के उत्पादन में झारखंड का योगदा...