रांची, अगस्त 30 -- रांची, संवाददाता। आदिवासी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में राज्य में जल-जंगल-जमीन और आदिवासी अधिकारों पर बढ़ते संकट को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। संगठन का कहना है कि झारखंड का गठन आदिवासी पहचान और संरक्षण की उम्मीदों के साथ हुआ था, लेकिन आज भी सीएनटी/एसपीटी एक्ट, विलकिंसन रूल और वनाधिकार कानून जैसे प्रावधानों का सही अनुपालन नहीं हो रहा है। जरूरी है कि आदिवासी आयोग बनाया जाए। सरना धर्म कोड को लागू किया जाए। अपने अधिकार से वंचित किए जाने से आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। झारखंड राज्य के गठन को दो दशक से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन आदिवासी समाज अब भी अपने बुनियादी सवालों जल, जंगल और जमीन के समाधान की प्रतीक्षा कर रहा है। आदिवासी संघर्ष मोर्चा, झारखंड राज्य कमेटी के लोगों ने हिन्दुस्...