मैनपुरी, मई 9 -- पहलगाम हमले की घटना के बाद सेना ने जो साहस और पराक्रम दिखाया वह काबिले तारीफ है। सेना ने इससे पहले भी देश के दुश्मनों को उसके घर में घुसकर धूल चटाई। यह बात भी पूरी दुनिया जानती है। 1971 में पाकिस्तान में भारत पर हमला किया तो भारत की सेवा ने पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को मारा और 91 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं बांग्लादेश का निर्माण भी करा दिया गया। अब पाकिस्तान फिर से यही चाहता है, कि उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाए। यदि ऐसा न होता तो वह आतंकवादियों को पनाह नहीं देता। उनका पालन पोषण नहीं करता। आतंकवाद पाकिस्तान के लिए भी बड़ा खतरा है। बावजूद इसके पाकिस्तान की सेना और वहां के नेता आतंकवादियों को बढ़ावा दे रहे हैं। 1947 में देश को आजादी मिली तो देश का बंटवारा हो गया। इस बंटवा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.