मैनपुरी, अक्टूबर 9 -- परिषदीय स्कूलों की जब जब बात होती है तो अभिभावकों के बीच एक बड़ा सवाल रह रहकर उठता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी नहीं होती। लेकिन अभिभावकों में इस बात पर कभी चर्चा नहीं होती कि वे अपने बच्चों के प्रति कितने फिक्रमंद है। स्कूल से आने वाले बच्चों ने स्कूल में क्या सीखा। क्या-क्या पढ़ाई की। उनके बच्चे हर रोज स्कूल क्यों नहीं जा पा रहे। सरकारी स्कूल गांव के बच्चों के नजरिए से कतई कमतर नहीं है। अभिभावकों को यह बात जरूर समझनी पड़ेगी। यदि गांव के सभी बच्चे स्कूल जाएंगे तो सरकारी स्कूल के टीचर्स की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी कि उन्हें इन बच्चों को पढ़ाई करानी है, उन्हें संस्कार देने हैं। अभिभावक अपने दायित्व को ईमानदारी से निभाएंगे तो शिक्षकों को अपने दायित्व निभाना ही पड़ेंगे। कुरावली ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय परमकुट...