मैनपुरी, फरवरी 22 -- आशाओं को स्वास्थ्य विभाग ने दोयम दर्जे का कर्मचारी मान लिया गया है। क्योंकि उनसे भरपूर काम तो लिया जाता है पर उपेक्षा भी बहुत अधिक है। आशा बहुओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिल जाना चाहिए। सरकार ने आशाओं का जो मानदेय तय कर रखा है, वह कम है। दो हजार रुपये मानदेय मिलता है और इसके लिए भी उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है। आशाओं के लिए जो सुख-सुविधाएं मिलनी चाहिए वह सरकार नहीं दे रही है। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी कार्यक्रम में आशाओं ने कहा कि दूसरे के घरों की खुशियों में सहयोग करने वाली आशाओं के घरों में खुशियों का दीपक कब जलेगा। जनपद में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ी चिकित्सा सेवाओं को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली आशाओं के हाथ लंबे समय से खाली हैं। बहुत ही न्यूनतम मानदेय पर उनसे बेहद ...