मेरठ, मई 21 -- मेरठ। जिसके दम पर मेजर ध्यानचंद के जादूगर कहलाए आज वही हॉकी दम तोड़ती नजर आ रही है। मेरठ में एक समय में हॉकी के दर्जनभर से ज्यादा मैदान हुआ करते थे, लेकिन अब ज्यादातर इसके मैदानों पर दूसरे खेलों ने कब्जा कर लिया है। सुविधाओं के आभाव में पिछले कुछ वर्षों में मेरठ से कोई बड़ा खिलाड़ी नहीं निकला है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने खिलाड़ियों की उन समस्याओं को समझने का प्रयास किया, जिनका सामना हमारे होनहार हॉकी खिलाड़ी करते हैं, और साथ ही उन समाधान की ओर भी एक नजर डालेंगे जो इस खेल को उसका खोया सम्मान वापस दिला सकते हैं। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का मेरठ से खासा नाता रहा है। 1915 में मेरठ के पंडित सोहनलाल शर्मा ने हॉकी निर्माण शुरू किया था, जिनकी हॉकी से मेजर ध्यानचंद ने दनादन गोल दागे और देश को एक स्वर्णिम दौर तक लेकर गए। वहीं...
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