मेरठ, मार्च 1 -- मेरठ। वरिष्ठ नागरिक किसी भी समाज की अमूल्य धरोहर होते हैं। उनका अनुभव, ज्ञान व मूल्य एक मजबूत और सभ्य समाज की नींव होता है। उनका सम्मान और देखभाल केवल नैतिक जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि हमारे सभ्य समाज की पहचान भी है। आधुनिक युग में, जब समाज में व्यस्तता और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बदलते समय के साथ परिवार छोटे हो गए हैं, बच्चे अपने करियर और जीवन की व्यस्तताओं में लग जाते हैं, जिससे वृद्धजन अकेलापन महसूस करते हैं। उनको एकाकीपन के साथ स्वास्थ्य, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है। सुबह सवेरे पार्कों में वरिष्ठ नागरिकों की हंसी ठिठौली की आवाजें आती हैँ, अपने हमउम्र लोगों के साथ हंसते-बोलते हैं, मन के अंदर छुपी अनकही कहानी को सांझा करते हैं। उनके ...