मेरठ, जून 18 -- हमारे देश की न्यायिक और प्रशासनिक व्यवस्था में स्टांप पेपर की अहम भूमिका होती है। रजिस्ट्री, शपथपत्र, अनुबंध, विवाह प्रमाण-पत्र, किरायानामा, पावर ऑफ अटॉर्नी, न जाने कितने कानूनी दस्तावेज इन्हीं स्टांप पेपर पर लिखे जाते हैं। लेकिन जिन हाथों से ये स्टांप लोगों को मिलते हैं, उन स्टांप विक्रेताओं की जिंदगी आज खुद समाधान की गुहार लगा रही है। स्टांप से मिलने वाला कमीशन बहुत कम होता है, जिससे उनका घर चलना मुश्किल हो जाता है। उनके लिए ना कोई सरकारी सुविधा है और ना ही अन्य व्यवस्था। मेरठ की तहसील और कचहरी में कभी 300 से ज्यादा स्टांप विक्रेता हुआ करते थे। सरकारी नियमों के तले दबे स्टांप विक्रेताओं की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है। तहसील में पहले ही इनकी व्यवस्था लगभग खत्म सी हो चुकी है, अब कचहरी में भी कुल मिलाकर 180 स्टांप विक्र...