मेरठ, अगस्त 12 -- मेरठ। शहर विकास की रफ्तार में दौड़ रहा है। हाईवे का जाल लोगों को गति दे रहा है, लेकिन शहर की एक बड़ी आबादी जिम्मेदार तंत्र के बीच फंसी पड़ी है। मेरठ के 17 वार्डों के लोग आज मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जहां सड़कों पर नालियों का बहता गंदा पानी, गलियों में फैली बदबू और घरों तक लौटती सीवर की गंदगी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। यह तस्वीर किसी उपेक्षित गांव की नहीं, बल्कि मेरठ शहर के उन वार्डों की है, जो नगर निगम और जल निगम के विवाद फंसे हैं। इन वार्डों की जनता इस दुविधा से पार पाना चाहती है। मेरठ शहर में नगर निगम के 90 वार्डों में 10 लाख से ज्यादा जनता निवास करती है। वहीं इनमें बहुत से वार्ड ऐसे हैं जहां आजतक सीवर लाइन नहीं डाली गई। कुछ ऐसे भी हैं जहां सीवर लाइन डाली गई लेकिन उनको देखने वाला कोई नहीं है। मेरठ क...