मेरठ, जून 3 -- मेरठ। देश की सीमा पर तैनात सैनिक केवल एक कर्मठ योद्धा नहीं होता, बल्कि वह एक जीवंत देश सेवा का प्रतीक होता है। त्याग, समर्पण और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक होता है। यह वीर जवान जब सैन्य सेवा से निवृत्त होते हैं, तब उनके सामने एक नई जंग शुरू होती है। यह जंग एक नागरिक के रूप में समाज में फिर से स्थापित होने की होती है। सेवानिवृत्ति के बाद यह अपनी दैनिक जिंदगी में विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं। उनको सम्मान और समस्याओं के समाधान की जरूरत होती है। हालांकि सेना सभी पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और आश्रितों की समस्याओं के समाधान में लगातार जुटा रहता है। समय-समय पर उनकी समस्याओं के निस्तारण में भी कार्रवाई करता है। सरहदों पर देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद आने वाली समस्याओं और श...
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