मेरठ, अक्टूबर 28 -- मेरठ। शहर की धड़कन बनकर उभरा सेंट्रल मार्केट आज सदमे में है। हर आंख में गुस्सा भी है और गम भी। व्यापारियों के जहन में एक ही सवाल है, क्या हमारी गलती सिर्फ इतनी है, कि हमने मेहनत से अपना भविष्य बनाया। व्यापारियों का कहना है, कि हम कानून के खिलाफ नहीं, बस इंसाफ चाहते हैं। हम चाहते हैं, कि बाजार बर्बाद ना हो, हमारी मेहनत और शहर की पहचान दोनों बची रहें। इसी के साथ कई आंखों में अब भी आस बाकी है, आस कि सरकार कुछ सोच लेगी, आस कि कानून कोई रास्ता निकाल लेगा, आस कि यह बाजार फिर से जिंदा होगा। हजारों लोग इस मार्केट को फिर से उसी रूप में देखना चाहते हैं, जो कुछ दिन पहले तक था। सभी की निगाहें आज भी सरकार और कानून व्यवस्था पर टिकी हैं, कहीं से कुछ ऐसा हो जाए कि बाजार फिर से गुलजार हो जाए। मेरठ शहर की धड़कनों में बसा सेंट्रल मार्केट...