मेरठ, जून 12 -- मेरठ शहर के नगर निगम क्षेत्र में शामिल लिसाड़ी गांव आज भी उसी जगह खड़ा नजर आता है, जहां इसे 35 साल पहले निगम की सीमाओं में जोड़ा गया था। उस समय लोगों ने विकास का एक सपना देखा था, कि गांव में अब शहर जैसी सुविधाएं मिलेंगी। गलियां साफ होंगी, सड़कें मजबूत होंगी, और बुनियादी सुविधाएं हर घर तक पहुंचेंगी। लेकिन तीन दशक बीत जाने के बाद भी लिसाड़ी गांव की तस्वीर में बदहाली नजर आती है। अब यहां के लोग बदहाली की इस तस्वीर को बदलना चाहते हैं। मेरठ शहर में 1989 के दौरान नगर निगम के चुनाव हुए तो लिसाड़ी गांव भी इसका हिस्सा बना। आज इस गांव में लगभग 10 हजार की आबादी रहती है। एक हजार से ज्यादा घर और मकान इस गांव की पहचान हैं, लेकिन अफसोस कि यह पहचान सिर्फ आंकड़ों तक ही सीमित है। ज़मीनी सच्चाई ये है, कि यहां सड़कें गंदगी में डूबी हैं, सीवर क...
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